
हृदय में खून की कमी से रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इसे ही लो(Low) बी.पी.
कहते हैं। हृदय में रक्त की कमी के कारण मस्तिष्क को मिलने वाले रक्त की भी
कमी हो जाती है जिससे चक्कर आते हैं या आँखों के सामने अंधेरा सा छा जाता है।
कारण :-
- अत्यधिक दुर्बलता या मानसिक आघात या सदमा ।
- अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक परिश्रम ।
- शरीर से किसी कारण अधिक खून बह जाना ।
- टायफाइड या अधिक उपवास के कारण।
- शरीर में खून की कमी या सोडियम की कमी के कारण।
- महिलाओं में कई वर्षों तक अधिक मासिक धर्म आने से ।
- पाचन शक्ति की कमी व भरपूर खाना न मिलने से ।
- थायराइड के कारण।
लक्षण :-
- सिर में दर्द होना या याद्दाश्त कम होना ।
- शरीर में कमजोरी महसूस होना और चक्कर आना ।
- अधिक परिश्रम करने से शरीर में कम्पन होना ।
- कोई भी काम करने का मन न करना ।
- थोड़ी देर एक जगह बैठने के बाद खड़े होने पर आँखों के आगे अंधेरा सा छाना ।
उपचार :-
- रक्तचाप की सबसे अच्छी औषधि है नमक । निम्न रक्त दवाब में पानी में डालकर पियें।
- मक्खन और काली मिर्च मिलाकर लें।
- एक गिलास गाय के दूध में एक चम्मच घी डालकर रोज रात में सोते समय पियें
- पानी में नमक डालकर या गुड़ और दोनों डालकर पियें
- कच्चे लहसुन का प्रयोग अधिकांश करें। एक या दो कली रोज दातों से कुचलकर खायें। इससे रक्त प्रवाह ठीक रहता है।
- अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से आराम मिलता है या अर्जुन की छाल के पाऊडर को दूध में मिलायें तथा गुड़ डालकर पियें
- एक तोला मैथी दाना लेकर उसका काढ़ा बनायें इसमें शहद मिलाकर चाय की तरह पियें रोग दूर हो जायेगा।
- अनार का रस, मिश्री डालकर लाभ पहुँचाता है।
- चुकन्दर का रस नमक डालकर नियमित पीने से लाभ होता है।
- प्रतिदिन प्याज का सेवन करते रहने से रक्त चाप की समस्या प्रायः नहीं होती है।