
मिरगी एक मानसिक रोग है। इसमें रोगी की याद्दाश्त कुछ समय के लिए खत्म हो जाती है। मन चंचल हो जाता है और मन के भ्रम में होने से लाल, , पीला, हरा आदि रंग दिखाई देते हैं। रोगी अचानक बेहोश हो जाता है। शारीरिक तथा मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को मिरगी अधिकांश रूप से आती है। अत्यधिक शराब पीना, अधिक शारीरिक श्रम, सिर में चोट लगने से यह बीमारी हो सकती है। इस रोग में अचानक से दौरा पड़ता है और रोगी गिर पड़ता है। हाथ और गर्दन अकड़ जाती है, पलकें एक जगह रूक जाती हैं, रोगी हाथ पैर पटकता है, जीभ अकड़ जाने से बोली नहीं निकलती, मुँह से पीला झाग निकलता है। दांत किटकिटाना और शरीर में कंपकपी होना सामान्य रूप से देखा जाता है। चारों तरफ या तो काला अंधेरा दिखाई देता है या सब चीजें सफेद दिखाई देती हैं। इस तरह के दौरे 10-15 मिनट से लेकर 1-2 घण्टे तक के भी हो सकते हैं। पुनः रोगी को जब होश आता है तब थका हुआ होता है और सो जाता है।
कारण :-
- अनुवांशिक कारणों से या हस्तमैथुन से ।
- किसी संक्रामक रोग के कारण।
- सिर पर चोट लगने के कारण।
- अधिक शराब पीने के कारण।
- अजीर्ण व अत्यधिक कमजोरी से ।
- शारीरिक अथवा मानसिक अवसन्नता के कारण ।
- दूसरी बार दाँत निकलने के कारण ।
लक्षण :-
- रोगी हाथ-पैर को इधर-उधर पटकता है।
- मुँह से झाग आने लगता है या रोगी दांत किटकिटाता है। लड़खड़ाते हुये, एकदम से गिर जाता है।
- हाथ पैर अकड़ जाते हैं और जबड़ा भिंच जाता है।
- दौरे के समय आँखें चौड़ी या खुली रह जाती हैं। जो देखने में डरावनी लगती हैं।
उपचार :-
- दौरा पड़ने पर रोगी को दांयी करवट लिटायें ताकि उसके मुँह से सभी झाग आसानी से निकल जाये। दौरा पड़ने के समय रोगी को कुछ भी न खिलायें बल्कि दौरे के समय अमोनिया या चूने की गंध सुंघानी चाहिये इससे उसकी बेहोशी दूर हो सकती है ।
- ब्राह्मी बूटी का रस 1 चम्मच प्रतिदिन सुबह-शाम पिलायें ।
- 20 ग्राम शंखपुष्पी का रस और 2 ग्राम कुटकी का चूर्ण शहद साथ मिलाकर चाटें ।
- नीम की कोमल पत्तियों, अजवायन और काला नमक इन सबको पानी में पीसकर पेस्ट बनाकर सेवन करें।
- शरीफा के पत्तों के रस की कुछ बूंदे रोगी के नाक में डालने से जल्दी होश आता है।
- नींबू के रस में हींग मिलाकर चटाने से काफी लाभ होता है।
- तुलसी के 4-5 पत्ते कुचलकर उसमें कपूर मिलाकर रोगी को सुंघाये । प्याज का रस पानी में घोलकर पिलाने से भी काफी आराम मिलता है। मेंहदी के पत्तों का रस दूध में मिलाकर पिलाने से काफी लाभ होता है ।