
अनिद्रा मानसिक अशान्ति के कारण होती है। बहुत अधिक थकान,गलत ढंग से खाने पीने से, कब्ज रहने से, मानसिक तनाव और चिन्ता रहने स, रशरीर के किसी भी भाग के रोगग्रस्त हो जाने से यह बीमारी होती है । अत्यधिकऔर मदिरापान करने से भी यह बीमारी होती है। इसमें रोगी को नींद नहींआती। नींद आने पर जरा सी आहट से नींद खुल जाती है। इसलिये शरीर में थकान और आलस्य हमेशा रहता है। नींद शरीर की वह अवस्था है जिसमें मन और इन्द्रियों की प्रवृत्ति तो बन्दहो जाती है परन्तु सांस का आना-जाना और शरीर में रक्त का प्रवाह जारीरहता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को किसी प्रकार के कार्य की इच्छा नहींरहती है। और इसका संतुलित रूप में न रहना ही अनिद्रा है ।
कारण :-
- कभी-कभी बहुत बड़ी खुशी होना या तनाव होना ।
- उत्तेजना और बीमारी होना या शराब व धूम्रपान के कारण।
- सोने के तरीके और बिस्तर आदि में परिवर्तन होना ।
- किसी भी तरह का सदमा होना या किसी गंभीर बीमारी के कारण।
- हाई बी.पी. के कारण या एलोपैथी दवाइयों के कारण।
- चाय-कॉफी, चॉकलेट या कोल्डड्रिंक्स के सेवन से ।
लक्षण :-
- सारी रात जागते रहना ।
- बेचैनी के कारण बार-बार नींद खुलना ।
- बार-बार पेशाब जाने की आदत ।
उपचार :-
- रात्रि में सोने से पूर्व अच्छे ढंग से गर्म पानी से हाथ पैर धोकर तलवों परसरसों के तेल की मालिश करें।
- रात्री में सोने से पूर्व अच्छे ढंग से गर्म पानी से हाथ पैर धोकर तलवों परसरसों के तेल का मालिश करें ।
- सरसों के तेल में कपूर अथवा आँवले के तेल में कपूर मिलाकर सिर परमालिश करने से अच्छी नींद आती है।
- 2 चम्मच शहद में 1 चम्मच प्याज का रस मिलाकर चाटें ।
- रात्रि भोजन के पश्चात पत्ता गोभी का सलाद चबा-चबाकर खाने से तथासेब का मुरब्बा लेने से नींद अच्छी आती है।
- पपीते की सब्जी या पका पपीता खाने से अनिद्रा का रोग कम होता जाता है।
- मेहंदी के पत्तों को पीसकर तलवों में लगाने से अनिद्रा दूर होती है।
- गाय का घी 1-1 बूँद थोड़ा गर्म करके रात में सोते समय नाक में डाल दें।
- मेथी दाना दोनों हाथों के अंगूठे के नाखून के नीचे बाँध लें और सो जायें ।