
रतौंधी से ग्रसित व्यक्ति को कम रोशनी व अंधेरे वाले स्थानों पर दिखाई नहीं देता। यहां तक की सामने रखी खाने की प्लेट भी नजर नहीं आती । रतौंधीअत्यधिक धुल, तीव्र प्रकाश और दूषित पर्यावरण के कारण रतौंधी होतीहै। इसमें रोगी को रात्रि में बिल्कुल नहीं दिखाई देता तथा दिन में ठीक दिखाई देता है।
कारण :-
- अनुवांशिक कारणों से या विटामिन ए की कमी के कारण।
- कम पानी पीने या कुपोषण या शारीरिक कमजोरी के कारण ।
- किसी दुर्घटना या चोट के कारण।ज्यादा चमकदार रोशनी पड़ने के कारण।
लक्षण :-
- धुंधला नजर आना या पढ़ते समय आँखो पर जोर पड़ना।
- चीजों का दोहरा दिखाई देना या आँखों से पानी गिरना ।
उपचार :-
- सफेद प्याज का रस आँखों में डालने से रतौंधी में लाभ होता है।
- देशी गाय का मूत्र आँखों में डालने से काफी लाभ होता है।
- सफेद प्याज का रस आँखों में डालने से रतौंधी में लाभ होता है।
- देशी गाय का मूत्र आँखों में डालने से काफी लाभ होता है।
- हरे धनिये का रस आँखों में डालने से लाभ होता है।
- आँखों में शुद्ध शहद लगाने से भी काफी आराम मिलता है।
- प्रतिदिन रात्रि विश्राम से पहले त्रिफला चूर्ण का सेवन करें और रात्रि में भिगोय हुए पानी से आँख धोयें ।
- बथुऐ के पत्तों का रस आँखों में डालने से रतौंधी ठीक होती है।
- दूब का रस आँखों में डालने से काफी आराम मिलता है।
- करेले के पत्तों के रस में थोड़ा काली मिर्च पीसकर मिलायें और आँखों के बाहरी हिस्सों पर लगायें ।