
गहरी नींद के समय गलें की मासपेशियां कुछ फैल जाती हैं। जिससे सांसनली कुछ संकरी हो जाती है। फलस्वरूप सांस के आते-जाते समय रूकावटखर्राटे के रूप में सुनाई पड़ती है।
कारण :-
- ये अधिकतर मोटे लोगों को होती है।
- कई लोगों को नाक में रूकावट या सांस की रूकावट के कारण भी खर्राटेआते हैं।
- कुछ खाने से हुई गले की खराबी या कुछ भी मीठा खाकर तुरन्त पानी पीनेसे भी खर्राटे आते हैं।
- कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान भी खर्राटे की संभावना रहती है।
- अधिक धूम्रपान और शराब पीने से भी खर्राटे की शिकायत हो सकती है।
- नींद की दवाओं का अधिक प्रयोग करने से भी यहकी शिकायत हो सकती है।
लक्षण :-
- खर्राटे लेने वाले व्यक्तियों को कुछ पता नहीं चलता लेकिन पास में सोयेलोगों को परेशानी होती है।
- कभी-कभी सांस रूक सा जाता है और रोगी नींद से चौंक कर उठ जाता है।
- दिन में सुस्त और थका हुआ दिखाई पड़ता है।
- सुबह उठने पर तरो ताजा अनुभव नहीं करता और सिरदर्द अनुभव करता है।
उपचार :-
- रात को सोते समय देशी गाय का घी नाक में 1-1 बूंद डालकर सोयें।